Posted by Vivek Agrahari on September, 06, 2018
मेरे एक मित्र पाण्डेयजी ने मेडिकल कोलेज के पीछे सन 2008 में एक जमीन लिया था. उस समय उसकी कीमत 7 लाख के करीब थी. आज दस सालों बाद उसी जमीन की कीमत लगभग 18 से 20 लाख हो गई है. हालांकि मार्केट की मौजूदा हालत देखते हुए यह सुनने में अविश्वसनीय सा प्रतीत होता है, परन्तु यह बिलकुल सच है. अब आप सोच रहे होंगे कि आपको भी ऐसा ही कुछ क्यों नहीं मिलता? मिलेगा, जरूर मिलेगा. परन्तु पाण्डेयजी की तरह आपको भी धैर्य और विश्वास रखना पड़ेगा. पाण्डेयजी ने जब वो जमीन खरीदी थी तब वहाँ खेत के सिवा कुछ भी नहीं था. वहाँ पहुँचने के लिए कोई पक्का रास्ता भी नहीं था, न बिजली पानी की व्यस्था और न ही आस पास में कोई घर. उस समय का दृश्य देखकर अमूमन कोई भी यही पूछ सकता था कि यहाँ भी जमीन लेने लायक है क्या? लेकिन धीरे धीरे उस जमीन के आस पास की जगहों का विकास होता गया और आज वहाँ एक घनी आबादी रहने लगी है. जैसे जैसे वहाँ आबादी बढ़ती गई वहाँ सड़क, बिजली, पानी, नाली इत्यादि की सुविधाएँ मिलने लगीं. और इस तरह से पाण्डेयजी के जमीन की कीमत में भी अच्छा खासा इजाफा होने लगा. आज पाण्डेयजी अपने उस निवेश के बारे में गर्व से चर्चा करते हुए फूले नहीं समाते हैं.
अब सवाल ये उठता है कि क्या गोरखपुर में आज ऐसी कोई जगह है क्या जहाँ कम पैसे निवेश करके कुछ ही वर्षों में बेहतर मुनाफा कमाया जा सके? इस सवाल का जवाब ढूँढने के लिए आपको शहर से थोड़ा सा दूर चलना पड़ेगा. और अगर हम गोरखपुर रेलवे स्टेशन को केंद्र मानें तो कम से कम 10 से 15 किलोमीटर का दायरा छूना पड़ेगा. शहरीकरण का प्रसार जिस रफ्तार से गोरखपुर में हो रहा है उसके अनुसार आने वाले कुछ सालों में 15 किलोमीटर का परिक्षेत्र शहर की याजनाओं से अछूता नहीं रहेगा. इतनी दूरी का शहरीकरण तो लगभग निश्चित है. बाहर के शहरों को जोड़ने वाले जितने भी रिंग रोड प्रस्तावित हैं वो इतने दायरे में आ जाते हैं. विकास प्राधिकरण और नगर निगम जैसे जसे अपनी सीमाओं का विस्तार करेंगे शहर के सीमावर्ती इलाकों में वैसे वैसे सुविधाएँ भी बढ़ने लगेंगी. किसी भी दिशा में चाहे वो महाराजगंज को जाने वाली गुलहरिया होते हुए मेडिकल कॉलेज रोड हो, पादरी बाज़ार होते हुए पिपराइच रोड हो, कुशीनगर को जोड़ने वाली नन्दा-नगर के रास्ते कुस्मी रोड हो, देवरिया को जाने वाली इंजीनियरिंग कॉलेज रोड हो, तारामंडल से जुड़ी देवरिया बाई पास पर सिकटौर का क्षेत्र हो, इनमें से कहीं पर भी आप अपनी पसंद, सुविधा और बजट के अनुसार किसी भी क्षेत्र में निवेश कर सकते हैं. इन क्षेत्रों में तो बहुत सारी रीयल इस्टेट कम्पनियाँ काम भी कर रही हैं. बजट के लिहाज से देखा जाए तो सबसे सस्ती ज़मीनें (मात्र 200-250/- प्रति स्क्वायर फुट) गोरखपुर-वाराणसी राज्यमार्ग पर बाघा-गाढ़ा से बेलीपार के बीच में उपलब्ध हैं. कम बजट में अच्छी ज़मीनें सोनौली रोड पर महेसरा पुल से आगे बालापर वाले रास्ते पर भी उपलब्ध हैं. परन्तु अन्य जगहों की तुलना में बालापार रोड पर अभी तक कोई भी डेवेलपर किसी कंपनी या बैनर के साथ काम नहीं कर रहा है.
अगर आप खूब सोच समझकर और थोड़ी सी जांच-पड़ताल करने के बाद जगह का चुनाव करते हैं, संयम बरतते हुए कुछ वर्षों का इंतज़ार करते हैं तो यकीन मानिये, आप आज के दौर के बढ़ते हुए शहरीकरण की वजह से पाण्डेयजी की तरह ही, या हो सकता है पाण्डेयजी से भी ज्यादा अपने निवेश का रिटर्न पा सकते हैं.
This entry was posted on September, 06, 2018 at 09 : 26 am and is filed under Real Estate. You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0 feed. You can leave a response from your own site.
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